एक समय में बसंतपुरा गांव में कोई भी साधु नहीं रहता था जो उस गांव के विशाल मंदिर की बागडोर संभाल सके। बहुत वर्षों पहले उस गांव के मंदिर में एक साधु रहता था। जो मंदिर की पूरी बागडोर संभालता था। उस साधु को शास्त्र विद्या का भी संपूर्ण ज्ञान था। उस गांव में जो पूजा पाठ होता तो वो साधु ही किया करता था। सभी गांव वाले भी साधु के व्यहवार से खुश थे। परन्तु धीरे धीरे जब साधु की जेब बरती गई तो उसके मन में लालच जाग गए। उसे माया ओर मादा के प्रति लगाव होने लगे। जिसके कारण उसके देखने का नजरिया भी बदल गया। पहले गांव के मंदिर में छोटे बच्चे से लेकर महिलाएं और बूढ़े आदमी तक मंदिर मै जाते थे। परन्तु जब से साधु का नजरिया बदला है तब से गांव वालों का मंदिर मै आना जाना कम हो गया। जब छोटे छोटे बच्चे मंदिर मै आते तो साधु उनसे गलत काम करवाता था। अगर कोई बच्चा गर बताने की बात कहे तो उसे जान से मारने की धमकी देता। जिस कारण बच्चे पर अधिक डर जाते ओर साधु के लिए कार्य करते। जब भी गांव की कोई महिला आती तो उसे वह गंदी नजर से ताड़ता था। कभी कभी उनको भगवान के पाठ पढ़ाने के नाम पर गलत जगह हाथ लगाता ओर उनसे अपने सुख का अनुभव करता था। जो महिला एक बार उस मंदिर मै आती तो दोबारा नहीं जाती। ऐसा देख कर सभी गांव वाले हैरान थे की साधु ये सब क्या कर रहा है। गांव वालों ने इकठ्ठे हो कर साधु के पास जाकर उसे समझने का फैसला किया। जब वे साधु के पास गए तो साधु अचंभित हो गया कि ये सब इकठ्ठे हो कर था क्यों आ रहे है। गांव वालों ने आकर साधु से बात की तो साधु ने उनकी बातों को नहीं माना। तो गांव वालों ने उसे गांव से निकालने की दमकी दी। तब साधु ने चालाकी दिखाते हुए कहा कि मुझे माफ कर दो मै मोह माया के जाल में फंस गया था। मुझे अपनी साधु को सांत्वना ओर अपनी शास्त्र विद्या का ख्याल नहीं रहा। कुछ दिन बाद जब फिर से साधु के मन में लालच जाग गया तो वह मंदिर के गल्ले से चोरी करने लगा। उसे चोरी करता देख एक सुन्दर लड़की ने देख लिया। जिसके बाद साधु डर गया कि कही ये लड़की गांव वालों को ये इसके बारे में न बता दे। साधु ने सोचा ओर एक तरकीब निकाली। उसने लड़की को बहलाया फुसलाया ओर मंदिर के अंदर चला गया। उसने लड़की को शास्त्र विद्या के पाठ मैं उलझा के उसके साथ दुष्कर्म किया और कहा कि अगर तुमने मेरे बारे में कोई बताया तो मैं तुम्हारी सच्चाई सभी को बता दूंगा। यह सब सुनकर लड़की डर गई और साधु के वश में हो गई। साधु उसे इसके बदले मै सब कुछ कार्य करवाता था। कुछ दिन बाद साधु ने पैसों के चक्कर में आके गांव मै चोरी करने की थानी। परन्तु उसे पता था कि अगर वह खुद चोरी करेगा तो सब को पता चल जाएगा और उसे गांव के मंदिर से भी निकल दिया जाएगा। साधु ने दिमाग लगाया और गांव मै यह खबर फैला दी कि अगली पूर्णिमा की रात को मंदिर मै प्रोग्राम करवाने के लिए कहा। सभी गांव वाले खुश थे कि मंदिर मै इतना बड़ा प्रोग्राम होगा। साथ मै साधु ने ये भी बोल दिया कि यह बहुत ही खास परोग्राम होगा जिसमें पूरे गांव का आना जरूरी है। साधु ने पूर्णिमा की रात को सभी को प्रोग्राम में उलझाए रखा ओर लड़की को बोल दिया कि सभी तो यह प्रोग्राम मै व्यस्त है तुम जाकर सभी के गर जाकर चोरी कर लो। साधु ने सभी का बहुत अच्छा मनोरंजन कर रखा था जिसके कारण सभी का मन भी वही लगा हुआ था। परन्तु लोगों को नहीं पता था कि उनके गर पर चोरी हो रही है। जब प्रोग्राम खत्म हुआ तो सभी लोग गर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनके गर तो चोरी हुई है। सभी के गर एक दिन ही चोरी होना एक अनोखी घटना का संकेत था। जब सभी गांव वाले इकठ्ठा हुए तो पता चला कि सभी के गर चोरी हुई है वो भी प्रोग्राम की रात को। इससे सभी गांव वालों ने अंदाजा लगाया कि कुछ न कुछ गड़बड़ उस साधु मै ही है। सभी लोगों ने फैसला किया कि साधु की तलाशी ली जाए। इसके बाद उन्होंन साधु की तलाशी लेनी शुरू कर दी। साधु ने उनको रोका और कहा कि ये सब क्या है। साधु बोला मैने कुछ नहीं किया। मै तो प्रोग्राम मै आप सब के साथ था। मैने चोरी नहीं की। सभी गांव वालों को भी ऐसा ही लगा कि साधु तो हमारे साथ था फिर चोरी उसने कैसे की होगी। पए फिर लोग वहां से चले गए। जाते जाते एक आदमी की नजर मंदिर मै एक सुंदर सी लड़की पर पड़ी जिसके हाथ में सोने के कंगन ओर कानो में बालियां थी। उस आदमी ने गांव वालों को रोका और कहा कि यह लड़की मंदिर मै इस समय क्या कर रही है और इसके पास इतना सोना कहा से आया है। गांव वालों ने उस लड़की से पूछताछ की। लड़की काफी गबराई हुई थी। लड़की ने गबराहट मै गांव वालों से इस बारे में झूठ बोली ओर वहां से जाने लगी थी। परन्तु एक बुद्धिमान आदमी ने उसे रोका और पूरी सच्चाई बताने के लिए कहा। तब लड़की ने बताया कि मैं तो यहां पूजा पाठ करने आई थी और ये सोना तो नकली है सब। इतना कह के वो लड़की जाने की कोशिश करने लगी परन्तु गांव वाले उसके हावभाव से समझ गए थे कि ये लड़की झूठ बोल रही है। उसकी चोरी तो वहा पकड़ी गई जब एक आदमी ने दिखा कि ये मंगलसूत्र तो मेरी पत्नी का है जो मैने अभी गिफ्ट किया था। गांव वालों ने कहा कि या तो तुम साफ साफ सच्चाई बता दो वरना हम तुम्हे पुलिस के हवाले कर देंगे। पुलिस के डर से लड़की ने सब कुछ सच सच बता दिया। यह सब सुनकर गांव वाले दंग रह गए। उन्होंने लड़की को अपने साथ रखा ओर साधु की तलाशी लेने गए। ओर तलाशी के बाद उन्हें वहां कुछ नहीं मिला। ओर लड़की को बोले कि यहां तो चोरी का कुछ भी सामान नहीं है। लड़की बोली इसे कैसे हो सकता है। मैने चोरी की थी और मैंने सारा सामान यही रखा था। गांव वाले बोले की परन्तु अब तो यहां कोई सामान नहीं है। गांव वाले बोले कि हमें लगता है कि तुमने चोरी करके समान कही ओर छुपाया है और तुम इस साधु को फसाना चाहते हो। लड़की रोने लगी पर बोली मै सच बोल रही हु समान यही था इस साधु न पीछे से कोई ओर ले गया होगा। फिर गांव वालों ने साधु को भी पुलिस की दमकी दी परन्तु साधु बिना डरे बोला कि बुला लो पुलिस को मैने तो कुछ किया ही नहीं है। इसके बाद वहीं एक गांव से भागते हुए एक लड़का आता है और कहता है कि यही साधु चोर है इसे छोड़ना मत। गांव वाले बोले कि तुम इतने विश्वास से कैसे कहे सकते हो कि यही साधु चोर है। उस लड़के ने बताया है कि हमारे अगले गांव मै अभी एक चोरी के समान से भरी गाड़ी पकड़ी गई है जिसके ड्राइवर ने साधु का नाम लिया है कि इस साधु का ये सारा सामान है। तब गांव वालों ने उस साधु को खूब पीटा और उसे गांव के मंदिर से निकाल दिया। अब उस मंदिर मै कोई भी साधु नहीं रहता जिसके कारण अब वह मंदिर फिर से खाली हो गया। जैसा कि हमने कहानी की शुरुवात मै बताया था कि अब बसंतपुरा गांव मै कोई साधु नहीं रहता है और यह बहुत समय पहले कोई साधु रहता था। यह कहानी उस साधु की बारे में थी जो मोहमाया के जाल में फंसकर अपनी शास्त्र विद्या को भूल गया। दोस्तो यह कहानी आपको शिक्षा देती है कि हमें कभी भी मोहमाया के जाल में नहीं फसना चाहिए। ओर अपने मन को पवित्र रख कर अपनी इंद्रियों को काबू में रखना चाहिए। इसी ही मजेदार कहानी देखने के लिए हमारी साइट पर visit करे growyourlife.in