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नॉर्मलाइज़ेशन क्या है?
नॉर्मलाइज़ेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब कोई परीक्षा कई शिफ्टों में आयोजित की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य सभी उम्मीदवारों के बीच निष्पक्षता (fairness) बनाए रखना है।

जब परीक्षा अलग-अलग शिफ्टों में होती है, तो यह संभव है कि किसी एक शिफ्ट का पेपर आसान हो और किसी दूसरी शिफ्ट का पेपर मुश्किल। ऐसे में, आसान पेपर वाले उम्मीदवारों को ज्यादा नंबर मिल सकते हैं, जबकि मुश्किल पेपर वालों को कम। इस असमानता को दूर करने के लिए, नॉर्मलाइज़ेशन की प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है।

नॉर्मलाइज़ेशन कैसे काम करता है?
नॉर्मलाइज़ेशन का तरीका हर परीक्षा बोर्ड के हिसाब से थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन इसका सामान्य सिद्धांत “परसेंटाइल स्कोर” पर आधारित होता है।

परसेंटाइल स्कोर (Percentile Score) का मतलब यह नहीं है कि आपने कितने प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। इसका मतलब यह है कि आपने अपने शिफ्ट के कितने प्रतिशत उम्मीदवारों से बेहतर या उनके बराबर स्कोर किया है।

इसे समझने के लिए, यह फार्मूला देखें:

किसी उम्मीदवार का परसेंटाइल स्कोर =

उसशिफ्टमेंउपस्थितकुलउम्मीदवारोंकीसंख्या
उस उम्मीदवार की शिफ्ट में, उससे कम या बराबर स्कोर करने वाले उम्मीदवारों की संख्या ×100

उदाहरण के लिए:

मान लीजिए, एक शिफ्ट में 1000 उम्मीदवार हैं।

अगर आपका स्कोर 90 है और 950 उम्मीदवारों ने आपके बराबर या आपसे कम स्कोर किया है, तो आपका परसेंटाइल स्कोर होगा:

(950÷1000)×100=95
वहीं, अगर किसी दूसरी शिफ्ट में पेपर बहुत मुश्किल था और वहां के टॉप स्कोरर ने 85 नंबर ही हासिल किए, तो भी उस टॉप स्कोरर का परसेंटाइल स्कोर 100 होगा।

उसशिफ्टमेंउपस्थितकुलउम्मीदवारोंकीसंख्या
उसशिफ्टमेंसबसेज़्यादास्कोरकरनेवालेउम्मीदवारकीरैंक

×100=
1000
1000

×100=100
इस तरह, अलग-अलग पेपर के कठिनाई स्तर को ध्यान में रखते हुए, सभी उम्मीदवारों को एक ही पैमाने पर लाया जाता है।

नॉर्मलाइज़ेशन से क्या होता है?

सबसे ज़्यादा स्कोर: हर शिफ्ट के टॉप स्कोरर को 100 परसेंटाइल दिया जाता है, भले ही उनके रॉ मार्क्स (बिना नॉर्मलाइज़ेशन के अंक) अलग-अलग हों।

रैंकिंग: अंतिम मेरिट लिस्ट या रैंक उम्मीदवारों के रॉ मार्क्स के बजाय उनके नॉर्मलाइज़्ड स्कोर (परसेंटाइल) के आधार पर बनाई जाती है।
निष्पक्षता: यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी उम्मीदवार को पेपर के आसान या मुश्किल होने से फायदा या नुकसान न हो।

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