परिचय –
हर कोई अपने लक्ष्य तक पहुँचना चाहता है, लेकिन 90% लोग कुछ दिनों की मेहनत के बाद हार मान लेते हैं। ऐसा क्यों होता है? क्यों शुरुआती जोश खत्म होते ही हम सुस्त पड़ जाते हैं? इस ब्लॉग में, हम “लक्ष्य प्राप्ति के तरीके”,”मोटिवेशन बनाए रखने के उपाय”, और “सफलता का निरंतर सफर” मे आगे कैसे बढ़े इन सब बातो पर विस्तार से बात करेंगे।
भाग 1: Motivation क्यों गायब हो जाता है?

1. “शॉर्ट-टर्म मोटिवेशन का फंडा”
– मोटिवेशन एक “भावना” है जो समय के साथ कमजोर पड़ती है। हम किसी भी चीज या विषय को देख यह मोटिवेशन की भावना जगाते है मगर समय के साथ यह धूमिल हो जाती है और हम धीरे – धीरे इस भावना के प्रति सुस्त हो जाते है। क्योंकि हमारे दिमाग़ की सरंचना इसी प्रकार होती है। उदाहरण – जिम जाने का जोश 1 हफ्ते बाद खत्म होना।
2. डोपामाइन का रोल –
– नया लक्ष्य सेट करने पर दिमाग डोपामाइन (खुशी हार्मोन) छोड़ता है, लेकिन रूटीन बोरियत लाता है। जिस कारण हमारा मोटिवेशन कमजोर हो जाता है। हम एकाएक कोई भी बड़ा लक्ष्य बना लेते है मगर ज़ब उसको रूटीन मे लाते है तो उसे रोजाना पूरा नहीं कर पाते और वह हमें बोरियत महसूस कराने लगता है। जिस कारण कोई नया डोपामाइन रिलीज़ नहीं होता और हम उस लक्ष्य को भूलने लगते है।
3. असफलता का डर –
– “क्या होगा अगर मैं फेल हो गया?” क्या यह सारी मेहनत खराब तो नहीं हो जाएगी। यह सोच हमारी प्रेरणा को मार देती है। और हम असफलता के डर से सफलता के लिए मिलने वाला मोटिवेशन त्याग देते है। हमारे मन मे यह असमंजस रहती है की अगर हम असफल हो गये और लक्ष्य तक नहीं पहुंचे तो हमने जो मेहनत इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए की थी वह बेकार हो जाएगी। मगर हमें यह बात याद रखनी चाहिए की लक्ष्य प्राप्ति के लिए की गई यह मेहनत कुछ ना देगी तो तुजुर्बा देगी। जो हमें बहुत काम आएगा।
भाग 2: निरंतरता के 5 वैज्ञानिक तरीके ( लक्ष्य प्राप्ति के उपाय ) –
1. “SMART Goals सेट करें”
– S-Specific, M-Measurable, A-Achievable, R-Relevant, T-Time-Bound ( SMART ) लक्ष्य बनाएँ।
– उदाहरण: अगर हम लक्ष्य बनाते है की 8 घंटे पड़ेंगे परन्तु इसे पूरा नहीं कर पाते तो हम निराश होकर उसको बिलकुल छोड़ देते है इसीलिए “रोज 30 मिनट पढ़ाई” बेहतर है उस 8 घंटे पढ़ाई से जिसे आप पूरा ही ना कर पाओ।
और इसे ही धीरे – धीरे बढ़ाओ ताकि आपका लक्ष्य SMART बने। क्योंकि कुछ ना होने से बेहतर है कुछ होना। जो हमें लक्ष्य की सीढ़ियों पर लेकर जायेगा।
2. “Atomic Habits बनाएँ”
– जेम्स क्लियर की किताब के अनुसार, छोटी आदतें (जैसे रोज 2 पेज पढ़ना) बड़े बदलाव लाती हैं। यह धीरे – धीरे आपको महसूस कराएगी की छोटे – छोटे बदलाव ही जिंदगी मे बड़े बदलाव लाते है।
इन छोटी आदतों को adopt करने मे आसानी होती है और यही आपको बड़े लक्ष्य तक लेकर जाती है। क्योंकि ज़ब हम ये छोटे – छोटे लक्ष्य प्राप्त करते है तो हमारे दिमाग़ मे डोपामाइन रिलीज़ होता है जो जीवन मे संतुष्टि प्रदान करता है और हम धीरे – धीरे अपने लक्ष्य तक निरंतर बढ़ते है।
3. “रिवार्ड सिस्टम”
– हर छोटी उपलब्धि पर खुद को इनाम दें (जैसे 1 हफ्ते की पढ़ाई पर फेवरिट स्नैक्स)। इससे आपको उस इनाम से excitement उतपन्न होंगी और आप लगातार मोटीवेट होंगे।
इसे आप छोटे – छोटे लक्ष्य प्राप्ति पर भी अपना सकते हो और बड़े लक्ष्य पाने के लिए भी इस तकनीक का प्रयोग कर सकते हो। यह तकनीक हमारे डोपामाइन को बढाती है
4. “अकाउंटेबिलिटी पार्टनर”
– किसी दोस्त, पारिवारिक सदस्य या कोच को अपने लक्ष्य बताएँ। Social Pressure काम करेगा। आपको अपनी और लोगों की नजर मे कमजोर होना डर रहेगा। और आपके अंदर मोटिवेशन बना रहेगा।
आप बताये गए लक्ष्य पर मेहनत करोगे क्योंकि वो लक्ष्य अपने लोगों के साथ शेयर किया है। अगर आपको खुद अकेले को ही पता होगा तो आप बिलकुल भी इस बात की परवाह नहीं करोगे। इसीलिए सोशल प्रेशर का लाभ उठाये और अपने लक्ष्य लोगों को बताये।
5. “विज़ुअलाइज़ेशन टेक्नीक”
– रोज 5 मिनट अपने सफल होने की कल्पना करें। यह माइंडसेट बदल देगा। यह बहुत ही कामगार तकनीक। यह आपको पॉजिटिव ऊर्जा से भर देगा और आपके अवचेतन मन मे इस बात को पक्का कर देगा।
निष्कर्ष –
लक्ष्य प्राप्ति कोई रेस नहीं, बल्कि एक मैराथन है। जब भी मोटिवेशन कम हो, “Discipline over Motivation” का मंत्र अपनाएँ। इस ब्लॉग शेयर करें ताकि आप और आपके दोस्त निरंतर आगे बढ़तें रहे।
Call-to-Action –
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