सफलता की और मेरा पहला कदम।

सात साल पहले मेरी शादी होती है। उससे पहले मुझे अपने कैरियर के बारे मे जरा सा भी ख्याल नहीं था। क्योंकि उससे पहले मेरे ऊपर कोई जिम्मेवारी नहीं थी। अब शादी के बाद तीन साल गुजर गए तब तक भी मुझे अपने बारे मे कोई ज्यादा ख्याल नहीं था।

क्योंकि मै अपने मन मे हीं ख्याली पुलाव पकाता रहता था की मै एक न एक दिन बहुत बढ़ा आदमी बनूंगा। क्योंकि मै अभी तक भी जिंदगी की असलियत से वाकिफ ना था। पिता जी कमा रहे थे मै कहा रहा था। परन्तु अब मै एक लडके का बाप बन चूका था।

और घर के लोग भी मुझे कमाने को बोलने लग गए थे। क्योंकि वो बोलते थे की अब खर्चा करने वाला एक और आ गया है। और तेरे पिता जी भी बूढ़े हो चुके है वो कब तक कमाएंगे। तब मुझे भी लगने लगा था की मुझे अब कुछ काम करना चाहिए।

वैसे तो मै L. L. B. ग्रेजुएट था। मगर मै कभी कभार हीं कोर्ट मे जाता था। और मन हीं मन सोचता था की पैसा कमाना कोई मुश्किल काम नहीं है। जिस दिन नियमित जाना शुरू करूंगा तब पैसा कमा लूंगा। अब मैंने सोचा की अब वो समय आ गया है ज़ब मुझे नियमित कोर्ट जाना चाहिए और पैसे कमाने चाहिए।

यही वो समय था की ज़ब मेरी असल परीक्षा शुरू हो चुकी थी। मै नियमित कोर्ट जाने लग गया। और मेरे सीनियर के पास काम सिखने लगा। एक साल बाद मैंने अपनी वकालत शुरू कर दी। अब मेरी असल परीक्षा शुरू होनी थी।

यह समय तब बहुत कठिन होता गया ज़ब मुझे कोई भी क्लाइंट नहीं मिल रहा था। और जो मिल रहा था वह भी नया वक़ील होने के कारण फीस नहीं दे रहे थे या फिर बहुत कम फीस दे रहे थे।

ज़ब मै सीनियर के पास था तब कुछ पैसे सीनियर से और कुछ घर से मिल जाते थे। परन्तु अब ऐसा नहीं था। यह मेरा खुद का काम था। अब मुझे या तो खुद के काम से कमाने थे या फिर घर से लेने थे। इसके विपरीत मै घर वालों को बड़े – बड़े वादे कर चूका था।

की ज़ब मेरा अपना काम करूंगा तो मै ये कर दूंगा मै वो कर दूंगा। मै इतने कमाऊंगा। पर हकीकत इसके बिलकुल विपरीत थी। और मै सारा दिन कोर्ट मे खाली बैठ कर आ जाता। और खर्च अब भी घर से हीं लेता।

अब मेरा सामना जिंदगी के असल रूप से होने लगा। मै अंदर हीं अंदर टूटने लगा और मुझे कोई भी रास्ता दिखाई नहीं देता। इसीलिए मै धीरे – धीरे मानसिक रोगी बनने लगा। ये दिन मेरी जिंदगी के सबसे कठिन दिन थे। घर वाले मुझे दिलासा देने लगे।

मगर मै अंदर हीं अंदर घुट रहा था। तभी मेरी माता ने मुझे वकालत के साथ – साथ खेती करने की सलाह दी। जो मुझे सही लगी। और मै कोर्ट मे जाने के साथ – साथ खेती भी करने लगा जिससे मेरे ऊपर से कमाने का दवाब थोड़ घटने लगा।

और मै डिप्रेशन जैसी स्तिथि से बाहर आने लगा। परन्तु तब भी एक बात मन को कचोट रही थी की मै उतना सफल नहीं हो पाया जितना मै सोचता था। परन्तु मुझे अब जिंदगी की समझ आने लगी थी। और मै समझ गया था की ख्यालो मे यह कामयाबी जितनी आसान दिखती है असल मे उतनी हीं मुश्किल है।

मेरे कई दोस्त जो विदेश जा चुके थे या फिर कुछ नौकरिया लग चुके थे वो मुझे खुद से ज्यादा कामयाब लगते। अब धीरे – धीरे मै जिंदगी को समझ रहा था। मगर खेती से भी मुझे ज्यादा कमाई ना हो रही थी। बस इतनी संतुष्टि थी की मै कुछ कमा रहा था। तभी मैंने यूट्यूब पर पैसे कमाने की वीडिओ देखी।

अब मैंने सबसे पहले एक यूट्यूब चैनल बनाया। परन्तु उसमे रूचि ना होने की वजह से यह कामयाब ना हो सका। तभी मैंने अलग – अलग विषय पर कई यूट्यूब चैनल बनाये परन्तु रूचि और निरंतरता ना होने की वजह से मै इनमे कामयाब ना हो पाया।

इसके बाद मैंने ब्लॉग लिखना शुरू किया परन्तु उसमे भी मै निरंतरता ना रख सका। जिस कारण मैंने इनको भी बीच मे रोक दिया।

इसके बाद मैंने शेयर मार्केट की विडिओ देखी और बिना रिसर्च किये मैंने वीडिओ देख – देख कर शेयर मार्केट मे पैसे लगाए। जिससे मुझे करीब 45000 का नुकसान हुआ। और अब मेरी उम्मीदें दोबारा टूटने लगी। तभी मुझे क्रिप्टोकरेंसी का पता लगा।

और मैंने wazirX प्लेटफॉर्म के माध्यम से उसमे 53000 रूपये लगाए। शुरू मे तो यह बहुत तेजी से बढ़े परन्तु बाद मे wazirX  हीं close हो गया और मेरे पैसे वहाँ भी फंस गए। अब यहाँ भी मेरे निराशा हीं हाथ लगी।

अब समय था मेरा इस अंधी दौड़ मे कुछ रुकने का कुछ सोचने का। और मै रुका। मैंने सबसे पहले अपनी सभी गलतियों का विश्लेषण किया। और मैंने समझा की मै एक गलती कर रहा हूँ। और वह है एक दम अमीर बनने की गलती।

बिना मेहनत किया ज्यादा पैसे कमाने की इच्छा। और अब मै समझ चूका था की मै उन्ही बहुत सारे लोगों के जैसे गलतियां कर रहा था जो रातो – रात अमीर बनने के सपने देखते है वो भी बिना मेहनत के। और फिर तनाव और डिप्रेशन जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते है।

अब मुझे बहुत कुछ समझ आने लगा था। मुझे एहसास हो गया था की किसी को भी रातो रात कामयाबी नहीं मिलती। इसके लिये बहुत मेहनत करनी पड़ती है। क्योंकि भगवान सबको बराबर मौका देते है। अगर बिना मेहनत के हमारे पास कामयाबी आ जाती है तो वह कुछ हीं दिनों की मेहमान होती है।

हम जिन भी सफल लोगों को देखते है उन सबकी एक लम्बी कहानी है। अब इन बातो को समझ कर मैंने सबसे पहले अपने आप पर काम करना शुरू किया। मैंने अपनी आदतों मे सुधार करना शुरू किया। अब मै सुबह जल्दी उठने लगा और नियमित व्यायाम करने लगा।

इसके बाद मैंने कम खाना और योगा भी शुरू की। अब मुझे धीरे – धीरे खुद पर विश्वास होने लगा की मै कुछ कर सकता हूँ। क्योंकि स्वामी विवेकानंद जी कहते है की बड़ी कामयाबी के लिये आपका मन और तन स्वस्थ होना चाहिए। और यह बात अब मुझे पता लग चुकी थी।

अब मै कोर्ट मे भी बहुत आत्मविश्वास के साथ जाने लगा। तभी मुझे personal yoga classes का पता लगा। अभी तक मुझे योगा के बारे मे अच्छा ज्ञान हो चूका था। इसीलिए मैंने personal yoga classes देने का फैसला किया। और मै 2 लोगों को क्लास देने लग गया।

उसके बाद धीरे – धीरे से मेरे yoga क्लाइंट 5 हो गए। और इसके साथ इन क्लाइंट से मुझे वकालत मे भी जान पहचान होने लगी। धीरे – धीरे से मेरी कमाई अच्छी होने लगी। अब मै जीवन मे रिलैक्स होने लगा। और मेरे पास पैसा भी ठीक – ठाक आने लगा।

दोस्तों अब मै एक सुख और शांति का जीवन जी रहा हूँ। लिखना मेरा शौक है।  इसीलिए मैने अपने बंद पड़े ब्लॉग को दोबारा शुरू किया। अब मै लिखने के माध्यम से लोगों को अपने जीवन के बारे मे अनुभव को शेयर करने बारे सोचा। और ब्लॉग लिखना शुरू किया। ताकि मै लोगों तक यह बात पहुंचा सकू के मै कैसे एक डिप्रेशन की जिंदगी से बाहर आकर शांति भरा जीवन जी रहा हूँ।

अब दोस्तों बात ये नहीं के मै आज ठीक ठाक अपना जीवनयापन कर रहा हूँ। क्योंकि कई मित्र यह भी कहेंगे की आपके पास तो वकालत की डिग्री है या फिर खेती करने की जमीन है। ऐसे मे तो कोई भी सफल हो सकता है।

पर बात ये नहीं दोस्तों। ज़ब मै डिप्रेस्ड था तब भी यह जमीन यह डिग्री मेरे पास हीं थी। परन्तु मै सफलता का पहला कदम तब भर सका तब मैंने आपको जाना। यह जाना की मै कहाँ कमियाँ कर रहा हूँ। मै सफलता का पहला कदम तब ले सका तब मैंने खुद को बेहतर बनाया।

मै जानता हूँ की एक डिप्रेस्ड आदमी का जीवन कैसा होता है। क्योंकि मै उस स्तिथि मे से गुजर चूका हूँ। मै उस हीन भावना को महसूस कर चूका हूँ जिसके आने से लोगों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है। परन्तु आज मै उस समय को याद करके खुद पर हँसता हूँ की मै बिना खुद को जाने इतना परेशान हुआ।

परन्तु दोस्तों यह स्तिथि ऐसी होती है की व्यक्ति को कुछ समझ नहीं आता। इसीलिए मै चाहता हूँ की कोई भी व्यक्ति मन के इस जाल मे न फंसे। और डिप्रेशन जैसी स्तिथि किसी भी व्यक्ति मे ना आये। इसीलिए मै इन ब्लॉग्स के माध्यम से प्रत्येक वह मन की स्तिथि जो हमें डिप्रेशन तक लेकर जाती है और उससे कैसे पार करना है इसके बारे मे विस्तार से लिखूंगा।

दोस्तों चाहे आपको हजारों मील का सफर तय करना हो परन्तु आपको यात्रा तो एक छोटे से कदम से हीं शुरू होंगी। इसीलिए शुरुआत करो। अगर कुछ नहीं दिखाई पड़ रहा तो सबसे पहले अपने आप से शुरुआत करो। क्योंकि जो व्यक्ति खुद को जीत लेगा वह दुनिया को जीत लेगा।

                             धन्यवाद दोस्तों

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