Mind control kaise kare –
मन को नियंत्रित करना कोई आसान कार्य नहीं है। असल बात तो यह है की मन को अपने वश मे करना इस दुनिया के सबसे कठिन कार्यों मे से एक है। क्योंकि अगर मन वश मे आ जाये तो आप इस दुनिया मे किसी भी काम को बड़ी आसानी से कर सकते हो। क्योंकि आपको आपके मन से ज्यादा कोई भी प्रभावित नहीं कर सकता।
भगवान श्री कृष्ण गीता के एक श्लोक ने अर्जुन को सम्भोधित करते हुए कहते है की ‘ हे अर्जुन मन को नियंत्रित करना उतना ही मुश्किल काम है जितना की हवा को मुठ्ठी मे रोक कर रखना ‘। परन्तु अगर आपके पास एक योद्धा जैसा होंसला और नजरिया है तो आप अपने मन को नियंत्रित कर सकते हो।
आप अगर ऐसे व्यक्ति हो जो बार – बार हार के बाद भी कोशिश करते हो और हार नहीं मानते तो आप अपने मन को नियंत्रित कर सकते हो। क्योंकि मन को नियंत्रित करने की इस यात्रा मे आपको बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
मन को नियंत्रित करने का मुलमंत्र –
भगवान श्री कृष्ण ने गीता मे कहा है की मन को सिर्फ अभ्यास और वैराग्य की शक्ति से ही काबू पाया जा सकता है। हमें मन को नियंत्रित करने के लिए नियमित अभ्यास करना पड़ेगा। इसके अलावा हमें वैराग्य का पालन करना पड़ेगा। वैराग्य का अर्थ है की ज़ब हम यह समझ जाते है की संसार का सुख काल्पनिक है असल खुशी हमारे अंदर है। इसी स्तिथि को वैराग्य कहा जाता है।
अभ्यास और वैराग्य की राह पर चलने से पहले हमारे अंदर कुछ गुण जैसे – हमारी मजबूत इच्छा शक्ति मन को नियंत्रित करने की, हमारे मन का स्वभाव कैसा है इत्यादि होने चाहिए। इसके बाद हम विभिन्न विधियों जिनका उल्लेख हम आगे करेंगे उनके माध्यम से आप अपने मन को नियंत्रित के सकते हो।
परन्तु उन विधियों का उल्लेख करने से पहले मै आपको एक बात साफ करना चाहता हुँ की आप अभ्यास और वैराग्य की शक्ति के बिना उन विधियों से लाभ नहीं उठा सकते। मन को नियंत्रित तभी किया जा सकता है ज़ब आप इसका प्रतिदिन अभ्यास करोगे और ज़ब आपको इस बात का एहसास हो की नियंत्रित मन ही संसार की वास्तविक ख़ुशी है।
वैराग्य का दूसरा अर्थ विरक्ति होता है। मतलब संसार की सभी बाहरी वस्तुओ मे सुख ना ढूंढ़ कर अपने अंदर सुख की खोज करना।
अब हम उन विधियों का उल्लेख करेंगे जिनके माध्यम से आप अपने मन को नियंत्रित कर सकते हो –
1. मन नियंत्रित करने के लिए मजबूत इच्छा शक्ति –
मन को नियंत्रित करने के लिए हमारें पास सबसे पहले मजबूत इच्छा शक्ति का होना अनिवार्य है। इसीलिए हमें अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करना होगा।
2. विरक्ति –
विरक्ति एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे आप किसी भी बुरी आदत या किसी बुरे व्यक्ति अथवा विचार को मिनटों मे छोड़ सकते हो। यह प्रक्रिया है विरक्ति। मतलब जिस चीज को छोड़ना हो उसके बारे मे सोचना बिलकुल बंद कर देना।