योगासनों का राजा जिसके करने से उड़े हुए बाल भी उग जाते है – शीर्षासन

शीर्षासन

आज हम बात करेंगे एक ऐसे आसन की जिसे सभी आसनो का राजा भी कहा जाता है। उसका नाम है शीर्षासन। यह आसन सभी आसनो मे सबसे उत्तम मना गया है। इसे हठ योग मे आसन और मुद्रा दोनों रूपों मे वर्णित किया गया है।

इसे सिर के बल किया जाता है इसीलिए इसे शीर्षासन कहा जाता है। इसको शीर्षासन बोलने का एक कारण यह भी है की यह आसन सभी आसनो मे शीर्ष पर है।

शीर्षासन करने का तरीका –

1. सबसे पहले एक ऐसा स्थान चुने जो खुला और हवादार हो। जैसे की तालाब या नदी के किनारे या फिर कोई मैदान या घर की छत। क्योंकि योगासन करते हुए हमारे फेफड़ों को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है जो ऐसे ही स्थान पर मिलती है।

2. उसके बाद आप अपना योगा मेट या फिर कोई मोटी चादर या दरी बिछाये।

3. इसके बाद वज्रासन मे बैठ जाये। अब धीरे से अपना सिर अपने योगा मेट पर रखें।

4. अब दोनों हाथों को अपने सिर पर लगाए और कोहनीयों को जमीन पर रख ले। और हाथों को आपस मे लॉक कर दे। जैसा की निचे फोटो मे दिखाया गया है।

शीर्षासन की प्रारम्भिक स्तिथि

5. अब आप पैरो की उंगलियों और सिर के बल आ जाये। हमारी इस बीच हमारी सांसे सामान्य रहेंगी।

. अब धीरे धीरे से अपने घुटनों को मोड़ कर ऊपर उठाये और सिर से घुटनों तक अपने शरीर को 90 डिग्री तक ले जाये। और अपने घुटने मोड़े रखें। अगर आपका संतुलन बन गया है तो आप शीर्षासन की अंतिम स्थिति मे जा सकते है।

शीर्षासन की अंतिम स्थिति

इस दौरान आप अपना स्वास सामान्य रखें। इस स्तिथि मे जितनी देर सामान्य रह सकते है इतनी देर ही रहे। अपने शरीर को ज्यादा देर तक मजबूर ना करें।

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