आत्महत्या एक बहुत ही घनघोर पाप है। जो व्यक्ति खुद को मारता है वह बार-बार इस संसार में पीड़ा भोगने के लिए आता है – श्री रामकृष्ण परमहंस
आत्महत्या से कैसे बचें
क्या आपने कभी सोचा है कि आजकल आप तो बहुत याद जैसी घटनाएं आम क्यों होती जा रही हैं। अगर हम आमतौर पर बात करें तो इसके बहुत से कारण हो सकते हैं। परंतु मुख्यतः कुछ ही करना ऐसे हैं जो लगभग सभी आत्महत्याओं में सामान्य पाए जाते हैं। आज हम उन्ही कारणों और आत्महत्या से कैसे बचें के उपायों के बारे में बात करेंगे।
और उसके बाद हम उपायों के बारे में बात करेंगे जिसे हम आत्महत्या करने से बच सकते है।
आत्महत्या करने के मुख्य कारण और उनके उपाय –
मुश्किलों से सामना ना कर पाना – आत्महत्या करने का मुख्य कारण किसी भी व्यक्ति के लिए मुख्यतः उसके जीवन में आए मुश्किलों से सामना नहीं कर पाना होता है। यह मुश्किल है अलग-अलग प्रकार की हो सकती हैं। चलो हम आज कुछ सामान्य मुश्किलों के बारे में जानते है
1. किसी व्यक्ति से शादी ना होना या किसी व्यक्ति का साथ छूट जाना – कई बार आपको वह व्यक्ति नहीं मिलता जिसको आप जी जान से चाहते हो। और सभी व्यक्ति यही सोचते हैं कि यह जीवन एक बार मिलता है और अगर हमें अपने पसंद का व्यक्ति ना मिला तो इस जीवन का क्या फायदा। मगर दोस्तों ऐसा नहीं है। यह जीवन अनमोल है।
किसी के आने से और किसी के चले जाने से आपका जीवन नहीं रुकता। क्या आपने सुना है कि किसी व्यक्ति के मर जाने से यह दुनिया की है। नहीं दोस्तों। इस पर महान से महान व्यक्ति आए और चले गए परंतु समय और यह दुनिया किसी के लिए नहीं रुकी। इसी प्रकार अगर आपकी जिंदगी से कोई चला गया है या कोई आपको नहीं मिला तो आपका जीवन रुकने वाला नहीं है।
क्योंकि जन्म, मृत्यु, शादी इत्यादि के संयोग भगवान हमारे भाग्य में पहले ही लिख कर भेजता है। अगर कोई व्यक्ति हमें नहीं मिला तो भगवान ने हमारे लिए शायद उससे भी कुछ अच्छा सोच कर रखा है। क्योंकि भगवान कभी गलत नहीं हो सकते। आप किसी की मां दूर जाने से खुद को मार लेते हो तो क्या आपने सोचा है आपके बाद आपके परिवार का क्या होगा।
क्या आपने सोचा है जिस मां-बाप ने आपको इतने दिन पाला है उनका क्या होगा। इस शरीर को मारने से पहले काम से कम हमें एक बार यह सोचना चाहिए कि हम तो इस शरीर को खत्म कर देंगे परंतु जो हमारे सगे संबंधी जिनको हमसे इतनी आशा है उनका हमारे बाद क्या होगा।
इसीलिए अगर आपको कोई व्यक्ति नहीं मिलता तो आप उसे भूल जाइए। क्योंकि भगवान ही नहीं चाहते कि वह आपको मिले। अगर कोई व्यक्ति आपको प्यार में धोखा देकर चला गया है तो उस व्यक्ति के लिए क्या मरना जो आपको कभी था ही नहीं। बल्कि उनके लिए जियो जो आपके सदा से हैं जैसे आपके माँ – बाप।
2. अगर आप हीन भावना से परेशान है – अगर आप भी अपने जीवन में हीन भावना से परेशान है और आप भी यह सोचते हैं कि जो आपको करना चाहिए था वह आप कर नहीं पाए। या फिर आपके आसपास के लोग आपसे ज्यादा कामयाब है तो ऐसी भावना से बाहर निकलिए।
अगर आपके दोस्त आपसे अच्छी जॉब कर रहे हैं। और अब आप अपने आप को बहुत बड़ा असफल मान रहे हैं। तुमसे अपने आप की तुलना मत कीजिए। बल्कि एक बार फिर खड़ा होकर अपने मन को समझाएं कि आप जॉब करने के लिए नहीं जॉब देने के लिए बने हैं। और अपनी नई शुरुआत कीजिए।
अपने जीवन से असफलता जैसे शब्दों को हटा दीजिए। क्योंकि भगवान ने आप जैसा इस धरती पर कोई और नहीं बनाया है। आप सच में अद्वितीय है। अपनी क्षमता को पहचानिए। और अपने मां बाप की तरफ देखकर फिर पूछिएगा क्या आपको इसी दिन के लिए पाला है की आप आत्महत्या जैसा घिनोना अपराध करें। और उनको एक जिल्ल्त भरी जिंदगी देकर जाए।
अपने इस हीन भावना की स्थिति से उभरने के लिए आपको स्वस्थ जैसे शब्द आपकी जिंदगी से निकाल देने चाहिए। अपने टैलेंट को पहचान कर उसे पर मेहनत करनी शुरू कर दीजिएगा। अगर आप आत्महत्या की सोच रहे हैं तो ऐसे विचारों को भूल कर मेहनत में जुट जाये। जिससे आपका मन स्थिर हो जाएगा।
ऐसी स्थिति में आप अपने आप को हीरो समझ सकते हैं। क्योंकि आपको भी पता है जो सबसे बड़े काम करता है उसके सामने मुश्किलें भी सबसे बड़ी होती हैं। और हीरो वही होता है जो सुबह मुश्किलों को पार कर जाता है। आपको भी अपने जीवन का हीरो बनना है। यह जीवन हमारे कर्मों का फल होता है। और हमें वही मिलता है जिसे हम डिजर्व करते हैं।
इसीलिए सिर्फ सोचने से काम नहीं चलेगा अपने आप को ऐसा बनाएं की आप ज्यादा बड़ी चीजों और लक्षयो को डिजर्व कर सके। मेहनत इतनी खामोशी से करें की कामयाबी का शोर बहुत दूर तक जाए। ऐसा करने से आप हीन भावना के इन विचारों से पार पा सकते हैं।
3. आपके द्वारा कोई बड़ा पाप करने की भावना मन में लगातार आना – अगर आपके दोबारा कोई ऐसा पाप हो गया हो जिसे आप किसी से बताना नहीं चाहते हो और आप अंदर ही अंदर कुंठित हो रहे हैं। इसके बाद आपके मन में आत्महत्या जैसी भावनाएं प्रेरित हो रही हो तो रुकिए। आपने इस शरीर को नहीं बनाया तो आपको किसने अधिकार दिया कि आप शरीर को नष्ट कर दे।
अगर आप ऐसा कर देते हैं तो आप एक और अपराध की तरह बढ़ रहे हैं। उतार चढ़ाव प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में आते है। अगर आप किसी अपराध बोध में आकर अपने जीवन को नष्ट कर देते हैं तो आप एक और अपराध कर रहे हैं। इसे आपकी मुश्किलों को अंत नहीं होने वाला। बल्कि आप जीवन को अच्छे से व्यतीत करके ही उस अपराध बोध को खत्म कर सकते हैं।
दोस्तों यह शरीर किसी चमत्कार से काम नहीं है। ऐसे लोग हीरो के समान होते हैं जो मुश्किलों का सामना बहादुरी से करते हैं। अगर आपसे कोई बड़ा अपराध हो गया है तो अपने कर्मों को सुधारें। क्योंकि आपकी शरीर के साथ ही अपने अपराध को नष्ट कर सकते हैं। परंतु अगर आप अपने शरीर को नष्ट कर देते हैं तो आपके अपराधों की लिस्ट में एक अपराध और जुड़ जाएगा।
अपने आप को उसे परमात्मा के हवाले छोड़ दे और इस शरीर को जिसको आप खत्म करना चाहते हैं दूसरे लोगों की सेवा में लगा दें। उसे परमपिता परमात्मा में विश्वास रखें। क्योंकि बड़े से बड़े अपराधी भी सेवा भाव से किये गए कार्यों से अपने पापों को खत्म कर देते है।
अपने आप को एक लक्ष्य दें और अपने मन को शांत रखें। इस मुश्किल की घड़ी को समझें और इसके स्थायी समाधान के बारे में सोचें। अपना आखिरी लक्ष्य बनाएं की आत्मा को परमात्मा के हवाले छोड़ देना है। प्रत्येक साधु का एक अतीत होता है और प्रत्येक पापी का एक भविष्य।
4. किसी परीक्षा में असफल होने के बाद – अक्सर आजकल के बच्चे किसी परीक्षा में असफल होने के बाद आत्महत्या कर लेते हैं। वह इस बात से डरते हैं कि उन्हें लोग क्या कहेंगे या उनके माता-पिता उनको डांटेंगे। मगर बच्चों क्या आपकी नजर में यह सही है। क्या किसी परीक्षा में काम नंबर आने का समाधान आत्महत्या है? नहीं बिलकुल नहीं।
जीवन में परीक्षाएं तो आती जाती रहेंगी। आप कैसे कह सकते हो कि आपके माता-पिता आपको डांटेंगे। परीक्षा में फेल हो जाना या कम नंबर आना इसके और भी तो कई कारण हो सकते हैं। और अगर वह आपको डांट भी रहे हैं तो क्या बुरी बात है क्योंकि वह आपके भविष्य को लेकर चिंतित है आपके बारे में चिंता करते हैं।
माता-पिता की डांट से डर कर क्या लोग क्या कहेंगे इस बात से डर कर आप अपने जीवन को नष्ट कर देंगे क्या यह सही है। नहीं बच्चों ऐसा कभी मत करना। क्या आपको पता है इस विश्व में ज्यादातर सबसे कामयाब व्यक्ति वही है जो अपनी स्कूली या कॉलेज की परीक्षाओं को पास नहीं कर पाए। परंतु वह जीवन की असली परीक्षाओं को पास कर गए।
इसीलिए अगर परीक्षा में काम नंबर आते हैं तो आपको किसी से डरने की जरूरत नहीं है। अगर आप फेल भी हो जाते हो तो फिर भी डरने की जरूरत नहीं है। अगर आपके माता-पिता डांटे हैं तो उनको बताएं कि आप अगली बार अच्छे से मेहनत कर कर अच्छे नंबर लेंगे। और इससे उलट अगर आपका पढ़ाई में मन नहीं लगता तो अपने टैलेंट को पहचाने।
और वह काम करें जो आपको अच्छा लगता है। अपने माता-पिता को समझने की कोशिश करें कि आपका मन किस चीज में लगता है। और माता-पिता को भी यह बात समझनी चाहिए कि प्रत्येक बच्चे के लिए डॉक्टर, इंजीनियर बन पाना संभव नहीं है। उनको भी यह समझना चाहिए कि उनका बच्चा किस क्षेत्र में अच्छा कार्य कर सकता है।
किसी भी स्कूल या कॉलेज की परीक्षा में फेल होकर आत्महत्या के विचार मन में लाना भी पाप है। बच्चों आपके सामने पूरा जीवन पड़ा है। अगर आप में जुनून और मेहनत करने का जज्बा है तो आप जीवन में कुछ भी प्राप्त कर सकते हो। यह छोटी-मोटी परीक्षाएं जीवन की असली परीक्षाएं नहीं है। अगर आप जीवन की असली परीक्षा में पास हो जाते हो तो इन छोटे-मोटे परीक्षाओं का कोई मतलब नहीं रह जाता।
क्योंकि इस दुनिया के ज्यादातर कामयाब इंसान अपने स्कूल और कॉलेज के ड्रॉप आउट हैं। इसलिए किसी परीक्षा में फेल हो जाना का समाधान जीवन का अंत करना नही है।
आत्महत्या के विचारों को पार पाने के लिए कुछ सुझाव
1. सदा यह सोचे कि आप शरीर नहीं बल्कि शरीर में है। यह शरीर आपको भगवान के द्वारा आपके कर्मों का फल है। जैसे कोई व्यक्ति किसी घर को किराए पर लेता है। और अगर वह व्यक्ति जानबूझ कर उस घर में कोई तोड़फोड़ करता है तो उसे उसका दंड भुगतना पड़ेगा। इसी प्रकार अगर आप भगवान के दिए हुए शरीर को नष्ट करने की सोचते हो तो इसका दंड भी आपको बहुत भुगतना पड़ेगा। इसलिए भगवान के द्वारा दिये गए इस शरीर को संभाल के रखें। यह भगवान द्वारा दिया गया हमें अमूल्य तोहफा है।
2. अपनी जिंदगी में एक व्यक्ति ऐसा जरूर रखें जिसको आप हर मुश्किल समय में प्रत्येक बात बता सके। यह व्यक्ति आपका इतना राजदार होना चाहिए कि आपकी किसी बात को आगे ना बताएं। और आप भी इस व्यक्ति के ऊपर इतना विश्वास करें कि आप अपनी प्रत्येक बात इसको खोल कर बता पाये। अगर आप अपने भावनाओं और अपनी बातों को अपने अंदर दबा कर रखेंगे तो यह आपको आत्महत्या के लिए उकसाएंगी। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में ऐसा व्यक्ति होना जरूरी है।
अगर आपको कोई ऐसा व्यक्ति ना मिले जिनको आप अपनी सारी मुश्किलें बता पाए तो आप भगवान को अपना वह साथी बनाएं। आप अंदर ही अंदर विश्वास करें कि भगवान आपके साथ है और वह आपसे बातें करता है। भगवान को एक मित्र के रूप में स्वीकार करें। क्योंकि उनसे अच्छा साथी हमें इस धरती पर कोई नहीं मिल सकता। और सबसे अच्छी बात यह है कि जब आप मुसीबत में हो तो अपने सबसे अच्छे दोस्त उस भगवान से आप प्रार्थना कर सकते हो कि आपको मुसीबत से बाहर निकाले। भगवान जी सेसच्चे मन से की हुई प्रार्थना कभी भी व्यर्थ नहीं जाती।
3. आशावादी बने। जीवन में चाहे जितने भी मुश्किल आए या फिर जितने भी बार आप असफल हो आपको सदा आशावादी रहना चाहिए। क्योंकि जीवन में कोई भी इवेंट इतना बड़ा नहीं होता कि उसमे असफल होकर आप अपना जीवन समाप्त कर ले। प्रत्येक मुश्किल का कोई ना कोई समाधान जरूर होता है। और वह समाधान आपको तभी मिल सकता है जब आप आशावादी होंगे।
4. जब आप दूसरे लोगों से मिले तो व्यावहारिक बने। क्योंकि यह दुनिया स्वार्थी लोगों से भरी पड़ी है। और आप खुद को किसी स्वार्थी व्यक्ति से प्रभावित न होने दें। इसीलिए प्रत्येक फैसला सोच समझकर ही लें। क्योंकि कई बार बिना सोचे समझे फैसला ही हमारी मुश्किलों का कारण बनते हैं।
5. दोस्तों अगर आत्महत्या जैसे विचारों से बचाना है तो अकेलेपन से बचें। कभी भी अपनी गलतियों के बारे में सोचने से आपकी मुश्किलें या आपकी गलतियां ठीक नहीं हो जाएंगी। बल्कि इसके विपरीत खुद को किसी अच्छे कार्य में व्यस्त रखें। ताकि आप अपने लक्ष्य तक लगातार बढ़ते रहे और अपनी की हुई गलतियों को दोबारा करने से बच सके।
6. सदा भगवान को याद रखें। उसे परमात्मा ने हमें इस धरती पर भेजा है। हमें नहीं अपितु छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज को इस परमात्मा ने इस धरती पर भेजा है। इसलिए उसको सब की फ़िक्र है। अगर हमारे जीवन में कोई मुश्किलें आई है तो परमात्मा ने उनका समाधान भी जरूर भेजा है। इसलिए उस भगवान में विश्वास रखें और लगातार मेहनत करते रहे।
6. जब भी आप अपने आप को मुसीबत से घिरा हुआ पाएं या फिर जीवन में बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़े तो आपको महापुरुषों की प्रेरणादायक कहानीयां पढ़नी चाहिए। इसके अलावा कुछ ऐसा संगीत सुन जो आपको अच्छा लगता हो जिससे आपका मूड अच्छा हो जाए। इसके साथ-साथ आपको महापुरुषों के अच्छे भाषण सुनने चाहिए जिनसे आपको प्रेरणा मिले।
7. दोस्तों जीवन में सुख और दुख तो आता ही रहता है परंतु हमें भगवान का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि इस दुनिया में भगवान ही सच्चे मित्र हैं इसलिए हमें समय-समय पर मंदिर और पवित्र स्थान पर यात्रा करनी चाहिए। जिससे हमारे अंदर एक अच्छे प्रकार की ऊर्जा का संचार होता है। और हमारे मन में आत्महत्या जैसे विचार नहीं आते।
इसके अलावा हमें पवित्र व्यक्तियों के समूह में रहना चाहिए ताकि हमारे विचार भी पवित्र हो जाएं।