किसी को इतनी शक्ति मत दो की वो तुम्हे मानसिक रूप से परेशान कर सके

Mind strong life strong

ज़ब कोई कुछ हमें गलत कह देता है तो हम कई – कई दिन तक उसी के बारे मे सोचते रहते है। कई बार तो वह बात हमारे मन मे कई – कई महीनो और सालों तक चलती रहती है। हम बस इसी बात तक सीमित हो जाते है।

इसके आगे हमें जिंदगी हीं नहीं दिखाई देती। और बस इसी बात को दोबारा सोच – सोच कर हम पागल से हो जाते है। यह किसी एक व्यक्ति की बात नहीं बल्कि हर तीसरा व्यक्ति ऐसी सोच से परेशान है।

ज़ब हमारी मानसिक दशा ऐसी होती है तो आप सोच भी नहीं सकते की हमारी जिंदगी कितनी दयनीय हो जाती है। यह दशा मेरी खुद की जिंदगी मे आ चुकी है। और मै इसके दर्द को समझता हूँ।

दोस्तों ऐसी दशा मे हम खुद को हीं भूल जाते है। हम अपनी जिंदगी को बेकार समझने लगते है। और आत्महत्या जैसे विचार हमारे मन मे आते रहते है। हम एक बिलकुल छोटे से दायरे मे बंध कर रह जाते है। और उसी दायरे को अपनी जिंदगी समझ बैठते है।

हमारी दशा एक कुएँ मे फंसे मेंढक से भी बुरी हो जाती है। इस आर्टिकल को जो भी पढ़ रहा है अगर उसने इस दशा को महसूस किया है या कर रहा है वह इन बातो को अच्छे से समझ रहा होगा।

अब यह मानसिक स्तिथि कितनी खतरनाक है इसके बारे मे तो हम जान चुके है। परन्तु इस दशा से कैसे निकला जाए इसके बारे मे आज हम विस्तार से बात करेंगे।

दोस्तों एक बड़ी प्रेरणादायक लाइन है की किसी को इतनी शक्ति मत दो की वो तुम्हे मानसिक रूप से परेशान कर सके।

अब इस स्तिथि से कैसे निकला जाए इसके लिये हमने  सिलसिलेवार कुछ बिंदु बनाये है जो निम्नलिखित है –

  1. ज़ब भी आप ऐसी स्तिथि मे आओ तो सबसे पहले आपको अपना स्थान बदल देना चाहिए। मतलब जहाँ भी पढ़ रहे हो या कार्य कर रहे हो या फिर जिस जगह आप रह रहे हो उन स्थानों को बदल दे। क्योंकि ये स्तिथि बहुत खतरनाक है। इसीलिए ऐसी स्तिथि मे आपको सबसे पहले अपने स्थान को बदलो। क्योंकि अपना स्थान बदलने के बाद आपका दिमाग़ पहले से कुछ हल्का हो जाता है। और आपको सम्भलने और खुद के बारे मे सोचने का कुछ मौका मिल जाता है।
  2. इसके बाद आपको अपनी संगत बदलने की जरूरत है। अपने आपको अच्छे से पहचानो और उन दोस्तों और लोगों को पहचानो जिनकी बातों से आपके साथ यह स्तिथि पैदा हुई है। क्योंकि ज्यादातर यह देखा गया है की यह स्तिथि घर के लोगों के कारण हीं पैदा हुई होती है या फिर हमारे आसपास के लोगों के कारण ऐसी स्तिथि पैदा होती है। अगर आप किसी स्कूल या कॉलेज मे रहते हुए ऐसी स्तिथि पैदा होती है तो उस संस्थान को बदल दे। क्योंकि मन की शांति के आगे ये सब चीजे बौनी है।
  3. इसके बाद यह समझो की यह जो बातें आपके मन को बात – बार दुखी कर रही है यह सिर्फ आपके मन की एक बीमारी है। और इस दुनिया मे है बीमारी का इलाज है। क्योंकि हम इस स्तिथि को हीं मन की असल स्तिथि मान लेते है और सोचते है की इन बातों के बिना इस जीवन मे खाली है सब। परन्तु दोस्तों इन बातों के बिना भी इस जीवन मे बहुत कुछ है। इसीलिए इस मानसिक स्तिथि को एक बीमारी की तरह ले क्योंकि यह असल मे एक बीमारी है। और प्रत्येक बीमारी का एक इलाज है। इसे लाइलाज ना बनाये।
  4. अपने जीवन को एक लक्ष्य दे और उस लक्ष्य के पीछे इतना पागल हो जाये की ये बातें आपके दिमाग़ मे ना आये। हाँ ये हो सकता है की आप ज्यादा देर इन बातों से ना बच पाए क्योंकि आपका दिमाग़ इनका आदी हो चूका है इसलिए वह बार – बार आपको इन बातों की तरफ लेकर जायेगा। परन्तु आपको कोशिश करनी है की इन बातों को दिमाग़ से जितना दूर रखा जाये रखे। क्योंकि यह बातों का एक cycle होता है जिसको तोडना बहुत जरूरी है। और अगर आप इसको तोड़ने मे कामयाब हो गए तो आप इस मानसिक स्तिथि से भी निकलने मे कामयाब हो जाओगे।
  5. अपने मन को बोले की आप इन बातों को याद करने और उनका सोलुशन ढूंढने के लिये रोजाना एक घंटा देंगे। ऐसा करने से मन थोड़ा शांत होगा। और आप भी मन के लिये एक घंटा निश्चित करे और उस घंटा मन को पूरी छुट दे की सोच जितना सोचना है। इससे मन आपको सारा दिन दुखी करना बंद कर देगा। यह इस मानसिक स्तिथि से निकलने का एक जबरदस्त उपाय है।
  6. रोजाना कुछ योगा और ध्यान करो। इनमे से कुछ ऐसे योगा करो जो आपके दिमाग़ तक पर्याप्त रूप से ऑक्सीजन और खून का परवाह अच्छे से हो सके। इनमे से शिरशासन, पादहस्तासन, सर्वांगासन, इत्यादि कर सकते हो। इसके आलावा भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम – विलोम, कपालभाती और ध्यान कर सकते है। इसके अलावा आप दौड़ और स्विमिंग भी कर सकते है। क्योंकि व्यायाम और योग भी आपको इस स्तिथि से बचाने मे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे।

अब दोस्तों सबसे पहले एक बात को हमेशा याद रखो की किसी को इतनी शक्ति मत दो की वो आपकी जिंदगी मे दखल दे सके। और ऐसा तभी होता है ज़ब आपका दिमाग़ कमजोर होता है।

अरे भाई सोचो आपको भगवान ने मानव रूप मे इस धरती पर भेजा है जो सर्वश्रेष्ट है। और आप इस सर्वश्रेष्ठ जीवन का प्रयोग लोगों ने आपके बारे या फिर लोग क्या कर रहे इस सोच मे बिताओगे

जो की मानव जीवन की निम्न अवस्था है। इसीलिए क्या आप ऐसी निम्न अवस्था मे जीना पसंद करोगे। अगर नहीं करोगे तो आज हीं अपनी मानसिक अवस्था को सुधारे और देखो की कैसे हम अपने जीवन को जी सकते है।

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