Share market kya hai | Share bazaar ka sampurn gyan hindi me

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हिंदी में एक कहावत है की ” बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपया” |और आज के इस कोरोना काल ने इस बात को सच साबित कर दिया है। क्योंकि आज के समय में लोग अपनी नौकरिया खो रहे है क्योंकि देश में वजह से lockdown जैसी स्थिति बनी हुई है। इसीलिए आज हम आपको पैसा कमाने के लिए एक ऐसे प्लेटफॉर्म के बारे में बताने जा रहे है जिससे आप घर बैठकर भी पैसा कमा सकते है। और अच्छी बात यह है की इस प्लेटफार्म से आप लाखो करोड़ो नहीं बल्कि अरबो में पैसे कमा सकते है। और हाँ इसके बहुत उदाहरण भी है जैसे – दुनिया के सबसे अमीर आदमियों में शुमार और इस प्लेटफॉर्म के बादशाह वारेन बुफे

परन्तु शर्त ये है की आपके पास ज्ञान के साथ – साथ सयंम भी होना चाहिए। अगर आप इसमें अपना पैसा लगाना चाहते हो तो पहले इसके बारे में पता होना चाहिए की यह काम कैसे करता है। जी हाँ दोस्तों अपने सही समझा हम आज आपको Share market kya hai के बारे में ही बात करेंगे। सबसे पहले हमे शेयर मार्किट ( शेयर बाजार ) को समझने के लिए हमे सबसे पहले शेयर के बारे में जानना जरूरी है।

शेयर क्या है –

Share market kya hai को समझने के लिए हमे एक बार शेयर को समझना बहुत जरूरी है। जैसे की अंग्रेजी भाषा में share का meaning हिस्सा होता है। उसी प्रकार शेयर मार्किट में भी शेयर का मतलब होता है – हिस्सा। मतलब अगर आपके पास अगर x कंपनी के 10 percent शेयर है तो आप x कंपनी के 10 percent हिस्से के मालिक हो।

Share market kya hai –

Share market kya hai अगर हम साधारण शब्दों में बात करे तो शेयर बाजार एक ऐसी मंडी होती है। जहाँ shares को खरीदा और बेचा जाता है। मगर कई लोगों के मन में इसको लेकर बहुत सी भ्रांतिया है। जैसे की कई लोग इसे सट्टा बाजार तो कुछ लोग इसे जुआ कहते है। इसीलिए दोस्तों इन सभी भ्रांतियों को दूर करने के लिए आज हम share market kya hai इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

दोस्तों मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। इसीलिए मनुष्य समाज और समूह में रहना पसंद करता है। और यही बात हमे दूसरे जीव – जन्तुओ से अलग करती है। हम अपनी जरूरतों को समाज में रहते हुए एक – दूसरे से सहायता लेकर पूरा कर लेते है। पुराने समय में मनुष्य एक व्यक्ति को चीज देकर उसके बदले दूसरी चीज ले लेता था।

परन्तु जैसे – जैसे समय बदलता गया वैसे – वैसे हम आधुनिक होते गए। और चीजों के बदले मुद्राओं जैसे – रुपया आदि का प्रयोग होने लगा। और इसी प्रकार जैसे -जैसे मनुष्य के दिमाग का विकास होता गया। वैसे – वैसे कुछ साहसिक लोग सामने आते गए। और जीवन को आरामदायक बनाने के लिए कुछ नए – नए प्रयोग करते गए। और इसी कारण कुछ होनहार लोग जिनके पास नए – नए आईडिया तो थे। पर उनको प्रयोग में लाने के लिए पैसे नहीं थे। और उन्होंने इस पैसे को इकठ्ठा करने के लिए एक नया तरीका ढूंढ लिया। जहाँ ये लोग अपना आईडिया लोगो को बताते और लोग इनके आईडिया में अपने पैसे लगाने के लिए तैयार हो जाते। जिसको बाद में एक व्यवस्तिथ और सूचीबद्ध रूप दे दिया गया। जिसको आज शेयर बाज़ार कहते है।

Share bazaar को अगर इसको दूसरे शब्दों में समझा जाये तो जिन लोगो के पास आईडिया थे। उन्होंने एक ऎसी मंडी बनाई जहाँ शेयर को बेचा और खरीदा जाता है।मतलब वो लोग इस मंडी में आकर लोगो को अपना आईडिया दिखाते। और जिन लोगो को उनका आईडिया पसंद आता वो लोग इन लोगों के आईडिया पर पैसा लगाते।

अब दिक्कत यह थी की जब profit आता उसको कैसे बांटा जाता। इसीलिए इन लोगों ने कंपनियों को शेयर मतलब हिस्सों में बाँट दिया। मतलब जिसका जितना बड़ा हिस्सा उतना ही लाभ उसको मिलता था।

इसको हम A और B का उदाहरण लेकर भी समझ सकते है की जैसे A के पास कोई आईडिया है और उसने उस आईडिया पर अपनी कंपनी बनाई।परन्तु अब उसके पास उस आईडिया को आगे ले जाने के लिए पैसे कम पड़ रहे है। तो वह शेयर बाजार में अपनी कंपनी को सूचीबद्ध करवाकर उस आईडिया को लोगो को बताएगा। और अपनी कंपनी को 100 या 1000 या फिर उसको जितना पैसा चाहिए उसके हिसाब से। या फिर शेयर बाजार में जैसा नियम होगा उतने हिस्सों में बाँट देगा। इन्ही हिस्सों को शेयर कहते है।

अब अगर उसने 100 शेयर इशू किये है और उसको 1000 रूपये इक्क्ठे करने है तो वह प्रत्येक शेयर का दाम 10 रूपये रखेगा। और इस प्रकार अगर B उसकी कंपनी के 50 शेयर खरीद लेता है। तो वह उस कंपनी में आधा हिस्से का मालिक होगा। इसी प्रकार जो जितने शेयर खरीदेगा वो उतने ही हिस्से का मालिक बन जाता है। और जो लोग ये शेयर खरीदते है इन्ही को shareholders कहा जाता है। इस प्रकार आगे जितना प्रॉफिट या loss कंपनी को होता है। उतना ही हिस्से का profit या loss shareholders को होता है।

दुनिया का सबसे पहला शेयर बाजार एम्स्टर्डम शेयर बाजार है। जो The netherlands में स्तिथ है।

भारत में शेयर बाजार –

भारत में BSE और NSE के रूप में दो मुख्य शेयर बाजार (market ) है। BSE ( Bombay stock exchange ) भारत और एशिया की सबसे पुरानी शेयर मार्किट है। जिसकी स्थापना 1875 में मुंबई में हुई थी। यह मुंबई की Dalal street पर स्तिथ है। इसका indices BSE SENSEX है।

इसी प्रकार भारत की दूसरी Share market NSE (National stock exchange of india ) है। जो इस समय भारत की leading शेयर मार्किट है। इसकी स्थापना 1992 को मुंबई में हुई। इसके indices को Nifty 50 कहते है।

Share market indices (index ) सूचकांक क्या है –

जब हमे किसी कक्षा में यह पता करना चाहते है की इस कक्षा का exam में कैसा प्रदर्शन रहा तो हम उस कक्षा का एवरेज निकालते है। इसी प्रकार Share market का प्रदर्शन देखने के लिए NSE और BSE में दो अलग – अलग सूचकांक है। जो की प्रत्येक क्षेत्र की टॉप कंपनियों के समूहों को मिलाकर बनाये जाते है।

और फिर इसी समूह के प्रदर्शन के आधार पर बाजार का हाल बताया जाता है। कंपनियों के इन्ही समूह को मार्किट इंडेक्स कहा जाता है। इसी इंडेक्स के आधार पर यह बताया जाता है की बाजार इस समय कैसी स्तिथि में चल रहा है। इस एवरेज से ही पता चलता है की शेयर बाजार मुनाफे में चल रहा है या घाटे में।

सेंसेक्स और निफ़्टी 50 क्या

Share bazaar kya hai की इस पोस्ट में अब सेंसेक्स और निफ़्टी 50 के बारे में जानेगे। BSE की 30 कम्पनियो के समूह को सेंसेक्स व NSE की 50 कम्पनियो के समूह को निफ़्टी 50 कहा जाता है। निफ़्टी 50 में सेंसेक्स की 30 कम्पनिया भी सम्मलित होती है।

सेंसेक्स के लिए BSE में listed हर क्षेत्र से टॉप 30 कम्पनियो को लिया जाता है। और निफ़्टी 50 में NSE में listed हर क्षेत्र से टॉप 50 कम्पनिया ली जाती है। निफ़्टी 50 में सेंसेक्स वाली 30 कम्पनिया भी include होती है।

इसके बाद इन कम्पनियो पर लगातार निगरानी रखी जाती है। जिस कारण हम शेयर मार्किट में हो रहे उतार चढ़ाव को देख सकते है। ये कम्पनिया फिक्स नहीं होती और इनके क्रम में बदलाव होते रहते है।

इन्ही कम्पनियो के समूह को सेंसेक्स और निफ़्टी 50 कहा जाता है। हम पूरी मार्किट का हाल देखने के लिए निफ़्टी 50 का प्रयोग कर सकते है। क्योंकि सेंसेक्स वाली कम्पनिया इसमें पहले से ही मौजूद होती है।

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Share bazaar में शेयर कैसे खरीदे और बेचे –

पहले के समय में जब कोई शेयर खरीदता था तो उसे शेयर physical रूप में होते थे जिनको शेयरपत्र कहा जाता था। परन्तु आजकल शेयर हमे physical रूप में नहीं मिलते। बल्कि आजकल शेयर लेने और बेचने के लिए हमारे पास तीन तरह के account होने चाहिए।

इन तीनो account में सबसे पहले हमारा किसी भी बैंक में अपना saving account होना चाहिए। इसके बाद हमारे पास trading और demat अकाउंट होना जरूरी है। जो हमे किसी स्टॉक ब्रोकर या फिर इनके सब-ब्रोकर के पास खुलवाना पड़ता है।

ये सभी stock broker सेबी से registerd होते है। इनमे से कुछ जैसे – Zerodha, Angel broking , शेरखान , मोतीलाल – ओसवाल इत्यादि है। इसके बदले ये स्टॉक ब्रोकर हमसे अपना commission लेते है।Demat खाता हम किसी saving अकाउंट की तरह ही खुलवा सकते है। इसके लिए हमे अपना आधार कार्ड, पेन कार्ड, फोटो, signature इत्यादि अपने स्टॉक ब्रोकर को देने होते है।

इसके अलावा बैंक भी इस तरह की सुविधा देते है। परन्तु उनकी ब्रोकरेज ज्यादा होती है।

Demat account कैसे काम करता है –

Share market kya hai के इस आर्टिकल में हम यह तो जान चुके है की हमे डीमैट अकाउंट कहाँ खुलवाना है। परन्तु यह भी जानना जरूरी है की यह कैसे काम करता है। इसके लिए हमे सबसे पहले अपने saving अकाउंट से पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में डालने होते है। और जब हमे पैसे निकलने होते है तब भी हम इसी ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे अपने सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर करते है।

जहाँ से हम किसी को शेयर को खरीद और बेच सकते है। और हम जिन शेयर्स को खरीदते और बेचते है वो हमारे डीमैट अकाउंट में अपने आप आ जाते है। इस प्रकार हम शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग कर सकते है।

शेयर मार्किट में शेयर का रेट घटता – बढ़ता कैसे है

आप सोच रहे होंगे की Share market में शेयर के दाम कम – ज्यादा कैसे होते है। तो इसमें demand or supply वाला universal रूल apply होता है। मतलब जब डिमांड ज्यादा होती है और supply कम तो शेयर का रेट बढ़ जाता है। और जब supply ज्यादा व डिमांड कम होती है तब शेयर का रेट कम होता है।

अब हमे शेयर के रेट को अच्छी तरह से समझने के लिए यह जानना जरूरी हैं की यह डिमांड और सप्लाई किन फैक्टर्स से प्रभावित होतीं है। जब भी मार्किट में किसी कंपनी के बारे में कोई पॉजिटिव न्यूज़ आती है। तो लोग उस शेयर को ज्यादा खरीदने लग जाते है। जिस कारण शेयर की डिमांड बढ़ जाती है और जिन लोगों पर ये शेयर पहले से होता है। वो कीमत बढ़ जाने की आस में इसको बेचना बंद कर देते है जिस कारण सप्लाई कम हो जाती है। जिस कारण उसकी डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम हो जाती है और रेट बढ़ जाता है।

पॉजिटिव न्यूज़ जैसे की कंपनी का कारोबार बढ़ जाना ,प्रॉफिट बढ़ जाना , कंपनी को नए आर्डर मिलना, कंपनी के fundamentals मजबूत होना इत्यादि होती है। इसी प्रकार जब मार्किट में कोई नेगेटिव न्यूज़ आती है तब इसी तरह लोग शेयर के रेट घटने के डर से बेचना शुरू कर देते है। और कीमत घटने के डर से शेयर मार्किट में शेयर के खरीददार कम हो जाते है। जिस कारण सप्लाई जयादा और डिमांड कम होने की वजह से शेयर शेयर की कीमत घट जाती है।

शेयर बाजार के बारे में एक सामान्य भ्रान्ति –

शेयर बाजार को लेकर लोगो के मन में एक सामान्य भ्रान्ति है की यह सट्टा बाज़ार है। मगर आज हम भ्रान्ति को दूर करने के लिए शेयर मार्किट के बारे में कुछ fact बताना चाहेंगे।

शेयर मार्किट में अपने पैसे इन्वेस्ट करना trading कहलाता है। और कुछ लोग इसको जुआ या सट्टा बाजार कहते है परन्तु इसको सट्टा बाजार कहने वाले वही लोग होते है जो अधूरा ज्ञान लेकर इस मार्किट में आते है और कुछ दिन बाद नुक्सान के साथ बाहर हो जाते है। इसीलिए शेयर बाजार invest करने से पहले इसके बारे में proper research करे और तभी इसमें अपना पैसा लगाए। शेयर मार्किट में पैसा कमाने के लिए आपको बहुत सालों की रिसर्च और मेहनत चाहिए। शेयर बाजार हम सबको एक ऐसा मौका देता है जहाँ हम बहुत ही intelligent लोगों द्वारा बनाई गई कंपनियों हिस्सेदार बन सकते है परन्तु इसके लिए आपको मेहनत करनी पड़ेगी।

शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय कुछ ध्यान देने योग्य बातें –

  1. ट्रेडिंग कोई जुआ नहीं है बल्कि इसे सिखने के लिए सालों की मेहनत, अनुभव, संयम, study, रिसर्च, अनुशासन इत्यादि की जरूरत होती है। इसीलिए शुरू में कुछ लाभ होने से अपने आपको शेयर मार्किट का बादशाह न समझे। और इसके विपरीत अगर आपको नुक्सान हो जाए तो हिम्मत न हारे और अपनी रिसर्च को जारी रखे। आप इस मार्किट में सयंम और सही रिसर्च से ही पैसा कमा सकते है। अन्यथा आपको भारी नुक्सान हो सकता है।
  2. ट्रेडिंग करते समय स्टॉप loss लगा कर चले ताकि आप मुश्किल समय में बहुत ज्यादा loss से बच जाए।
  3. किसी भी शेयर को पूरी रिसर्च के बाद ही खरीदे अन्यथा आपके पैसे नुक्सान में जा सकते है। और आप जो शेयर ले रहे हो उसमे संयम बना कर रखे। क्योंकि अगर आपकी रिसर्च सही है तो सयंम बना कर रखना शेयर बाज़ार का पहला नियम है।
  4. ट्रेडिंग को अपनी आदत न बनने दे। अन्यथा यह आपको भारी नुक्सान दे सकती है। इसका मतलब यह है कि ट्रेडिंग को अपने ऊपर हावी न होने दे। बस सही शेयर का चुनाव करे और उसको hold करे। शेयर के रेट ऊपर नीचे होने पर penic न हो। ओर सही समय का इंतज़ार करे।
  5. सिर्फ अल्पकालीन पैसे को दिमाग में रखकर ही ट्रेडिंग न करे। बल्कि सदा भविष्य के लिए सोचे। क्योंकि कई ऐसे शेयर है जिनमे लोग सिर्फ 100 रूपए इन्वेस्ट करके करोड़पति बन चुके है। परन्तु ऐसा होने के लिए उन्होंने वर्षो का इंतज़ार किया है।
  6. अगर मार्किट एकदम निचे जाने लगे तो हड़बड़ाए नहीं बल्कि सयंम और अनुशासन से काम ले। क्योंकि ऊपर नीचे जाना शेयर मार्किट का स्वभाव है। इसीलिए शेयर मार्केट में निवेश करना है तो इस मार्किट के स्वभाव को पहचाने।
  7. एक बार इस दुनिया के महान निवेशक वारेन बुफे ने कहा था कि शेयर मार्केट में “जब सब लालची हो तो निवेश न करे और जब सब डरे हुए हो तो निवेश करे ” इसीलिए अगर इस मार्किट में पैसा कमाना हो तो इस नियम को follow करे।
  8. निवेश करने से पहले कंपनी के बारे में इतना जरूर जान ले कि कंपनी किस क्षेत्र में काम करती है। ओर भविष्य में इस क्षेत्र का कितना scope है। जैसे 90 के दशक में जिन लोगों ने जान लिया था कि आने वाला समय इंटरनेट का है उन्होंने IT कंपनियों में निवेश करके आज अरबो रुपये कमा लिए है। इसीलिए एक अच्छा निवेशक बनना है तो दूरदर्शी बने ।

यह भी पढ़े – शार्ट सेल्लिंग क्या है

Share bazaar में निवेश करे या न करे –

Don’t take any risk in life, is the biggest risk in life.

दोस्तों आपने ऊपर लिखी हुई कहावत तो पढ़ ली होगी जो हमारे जीवन सच्चाई है। अब तक आप यह तो समझ गए होंगे की Share market kya hai . यह कोई जुआ या सट्टा बाजार नहीं है। परन्तु इसमें निवेश करने से पहले हमे इसके बारे में ज्ञान होना बहुत जरूरी है। हमे शेयर बाजार में कोई भी शेयर लेने से पहले बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

जैसे की –

1. हम जिस कंपनी के शेयर खरीद रहे है वह कंपनी क्या काम करती है। मतलब उसके फंडामेंटल्स कैसे है। उदाहरण के लिए आने वाला समय electric वाहनों का होने वाला है क्योंकि दुनिया की प्रत्येक सरकार बदलते वातावरण और ग्लोबल वार्मिंग से चिंतित है इसीलिए वे प्रदूषण को कम करने के हरसम्भव प्रयास कर रही है। जो इलेक्ट्रिक वाहनों से सम्भव है। इसीलिए आने वाले समय मे जो कंपनिया इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बनाती है उनकी डिमांड बढ़ने वाली है। इसीलिए इन कंपनियों के शेयर आपको एक अच्छा मुनाफा दे सकते है।

2. उसकी मैनेजमेंट कैसी है। मतलब जो उस कंपनी के अधिकारी है वो कितने होनहार ओर काबिल है। उन पर कोई cases वैगरहा तो नहीं है। उनका अनुभव कितना है। क्योंकि आप जिन हाथो में अपना पैसा दे रहे हो उनके बारे में आपको पूर्ण जानकारी होनी चाहिए अन्यथा आपको नुकसान हो सकता है।

3. उसका प्रॉफिट कितना है। हमे ज्यादातर उन्ही कम्पनियो में ही invest करना चाहिए जो लगातार प्रॉफिट में हो। परन्तु किसी अल्पकालीन कारण की वजह से अगर कोई कंपनी नुकसान में हो तो इसका यह मतलब कतई नही की उसमे निवेश न करे उदाहरण के लिए कोरोना महामारी के कारण ज्यादातर अच्छी कंपनियों को भी नुकसान उठाना पड़ा।

4. वह कंपनी कितना dividend देती है। क्योंकि जो कंपनी लगातार प्रॉफिट कमा रही है वही ज्यादा dividend देती है। परन्तु कई कंपनियां डिवीडेंड देने में विश्वास नही करती और वो प्रॉफिट को लगाता कंपनी की growth में इन्वेस्ट करती है। ऐसी कंपनिया भी निवेश के लिए अच्छा विकल्प है।

इसके अलावा हमे बहुत सी बातों का हमे ध्यान रखना जरूरी होता है।

परन्तु बहुत से लोग शेयर बाजार को सट्टा बाजार की तरह प्रयोग करते है। और रातो रात अमीर बनने की चाह में बिना कंपनी के बारे में जाने, लोगो या सोशल मीडिया या अन्य साधनो से टिप के सहारे अपने पैसा Share bazaar में लगा देते है। जिस कारण उनको नुक्सान उठाना पड़ता है। और वो इसको सट्टा बाजार भी बोलने लगते है। अगर आप भी बिना सयंम ओर अनुशासन के इस मार्किट में आना चाहते हो तो आपको भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसीलिए शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इसको अच्छी तरह से जान ले और तभी निवेश करें।

Trading और investment में अंतर –

कई बार लोग ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट को समान समझ लेते है। परन्तु ये दोनों अलग – अलग टर्म है। जब हम लोग share market में एक साल से ज्यादा समय के लिए अपना पैसा निवेश करते है। तो इसे investment कहा जाता है। परन्तु जब हम एक साल से कम समय के लिए शेयर बाजार में निवेश करते है तो इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।

शेयर बाज़ार और इनकम टैक्स

अगर आप शेयर बाजार में एक साल की कम अवधि के लिए पैसा लगाते हो और उस पर पैसा कमाते हो तो ऐसा लाभ शार्ट टर्म कैपिटल गेन की श्रेणी में आता है। इसीलिए इस पर आयकर अधिनियम 111A के तहत आपसे 15 प्रतिशत इनकम टैक्स के रूप में लिया जाएगा। परन्तु अगर आप अपना निवेश एक वर्ष से ज्यादा अवधि के लिए करते हो तो सरकार आपसे कोई भी इनकम टैक्स वसूल नही करेगी। इसीलिए दोस्ती लम्बे समय के लिए निवेश करो ताकि आप ज्यादा लाभ कमा सको और आयकर से भी बच सको। इससे मालूम पड़ता है कि सरकार भी हमे लम्बे समय के लिए निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

दोस्तों निवेश करना अच्छी बात है और हम सभी को निवेश करना चाहिए। परन्तु खुद शेयर के बारे में पूरा Analyse कर के ही हमे पैसा लगाना चाहिए। इसके अलावा अगर आपके पास समय ना हो तो आप एक्सपर्ट से भी सलाह ले सकते है।दोस्तों अगर Share market सट्टा बाजार होता तो वार्रेन बुफे का नाम आज दुनिया के सबसे अमीर लोगो में न होते।

इसीलिए शेयर मार्किट में निवेश करे परन्तु इसके लिए हमे पहले proper study करनी चाहिए। और जो शेयर भविष्य काल के लिए सबसे मजबूत दिखे उसी में पैसे इन्वेस्ट करने चाहिए। इसके अलावा निवेश करने से पहले शेयर मार्किट को अच्छी तरह से जान ले। क्योंकि अच्छे शेयर में निवेश किया हुआ पैसा हमे भविष्य में बहुत अमीर बना सकता है।

कई कंपनी ऐसी भी है जिन्होंने करोड़ो परसेंट तक रिटर्न दिया है। इन्ही में से एक कंपनी का नाम है विप्रो। जिसमे 1980 में 100 शेयर खरीदने वाला एक व्यक्ति आज उसी 100 शेयर से 1500 करोड़ का मालिक बन गया है। यही शेयर market की असली ताकत है। परन्तु दोस्तों ऐसा नहीं है की यहाँ सिर्फ फायदा ही फायदा है क्योंकि बहुत सी ऐसी कंपनी भी है जिन्होंने उस समय के 1500 करोड़ को आज जीरो बना दिया है।

इसीलिए अपना कमाया हुआ प्रत्येक पैसा बड़ा सोच समझ कर ही निवेश करें। तभी आप एक सफल निवेशक बन सकते है।

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